त्यौहार भारत की पहचान हैं, और हर त्यौहार के साथ जुड़ी होती है सजावट, पूजा और परंपरा। इन्हीं परंपराओं में एक अहम हिस्सा है मूर्ति स्थापना। चाहे गणेश चतुर्थी हो, दुर्गा पूजा हो, या फिर दीवाली, हर साल लाखों मूर्तियों की डिमांड रहती है। अगर आप सही समय पर सही व्यवसाय (Business) शुरू करें, तो सिर्फ कुछ महीनों की मेहनत से सालभर की कमाई (Income) हो सकती है। आपको बता दें कि मूर्ति बनाने का काम ऐसा है जिसमें कला, मेहनत और थोड़ी सी मशीनरी का मेल है, और इसकी डिमांड कभी कम नहीं होती।
मूर्ति बनाने का बिजनेस
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मूर्ति निर्माण का काम त्यौहारों से पहले ही तेज़ी पकड़ लेता है। कई कलाकार और कारखाने अगस्त से ही ऑर्डर पर काम शुरू कर देते हैं। इस बिजनेस में सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक ही ग्राहक से आपको बार-बार काम मिल सकता है, क्योंकि हर साल नई मूर्तियां बनती हैं। इसके अलावा, लोग अब सुंदर, हल्की और इको-फ्रेंडली (Eco Friendly) मूर्तियों की मांग ज्यादा कर रहे हैं, जिससे बाजार और भी बढ़ गया है।
कितना निवेश और क्या जरूरी सामान लगेगा
अगर आप छोटे स्तर पर शुरुआत करना चाहते हैं, तो 3 से 5 लाख रुपये का निवेश (Investment) काफी है। इसमें आपको कच्चा माल जैसे प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP), मिट्टी, रंग, ब्रश, फाइबर खांचे खरीदना होगा। एक छोटा कारखाना 500 से 1000 स्क्वायर फीट में 4-5 कारीगर आराम से काम कर सकें।
कमाई और मुनाफे का हिसाब
अगर आप सालभर में तीन बड़े त्यौहारों गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा और दीवाली के लिए मूर्तियां बनाते हैं, तो एक मूर्ति पर औसतन 500 रुपये से 5000 रुपये तक का मुनाफा (Profit) हो सकता है। एक छोटा कारखाना साल में 2 से 3 हजार मूर्तियां बना सकता है, जिससे सालाना कमाई (Income) 40 से 50 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है अगर आप ऑर्डर को समय पर और क्वालिटी के साथ पूरा करें।
मार्केटिंग और ग्राहकों तक पहुंच
इस बिजनेस में सबसे अहम है समय पर डिलीवरी और सुंदर डिजाइन। आपको बता दें कि आजकल मूर्तियों की बिक्री सिर्फ स्थानीय बाजार तक सीमित नहीं रही। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए आप दूसरे राज्यों से भी ऑर्डर ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो मंदिर समितियों, पूजा पंडाल आयोजकों और इवेंट कंपनियों से भी सीधा संपर्क कर सकते हैं।
अंत में, यह बिजनेस सिर्फ कमाई (Earning) का जरिया ही नहीं, बल्कि एक कला और परंपरा को आगे बढ़ाने का तरीका भी है। सही समय पर शुरुआत करें, अच्छे कारीगर जोड़ें, और गुणवत्तापूर्ण काम करें, तो यह छोटा सा कारखाना आपके लिए सालभर बड़े मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है।